Detailed Notes on kismat ka upay
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खिड़कियों और दरवाजे की सफाई: अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को हमेशा साफ और स्वच्छ रखें क्योंकि घर में आने वाला धन का इससे सीधा संबंध हैं। ये साफ नहीं होने पर धन प्राप्ति के मार्ग में बाधा पहुंचती है।
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नौवें भाव में केतु उच्च का और राहु नीच का माना गया है। यदि आपकी कुंडली में यह स्थिति है तो भाग्य पर अशुभ ग्रह स्थित है। हो सकता है कि इस स्थान पर अशुभ या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो या गुरु पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि या गुरु शत्रु भाव में बैठा हो तो भाग्य कमजोर होगा और जातक को भाग्य का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। अर्थात उसे उसके भाग्य से कुछ भी नहीं मिलेगा।
आप अगर बुध ग्रह से विशेष कृपा चाहते हैं तो आप हरे रंग की स्याही वाले कलम को अपने पास रखें और पढ़ने लिखने वालों को हरे रंग की स्याही वाले कलम दान जरूर करें। ऐसा करने से आपको अद्भुत फायदा प्राप्त होगा।
पीपल के पेड़ पर रोज जल चढ़ाने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपकी किस्मत के ग्रह दशा जो विपरीत हैं वह अनुकूल होते जाते हैं।
दीवारों की मोटाई : इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि घर की दक्षिण और पश्चिम में स्थित दीवारें और बाउंड्री उत्तर और पूर्व की तरफ की दीवारों से ऊंची और मोटी होना चाहिए।
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हाथों में भाग्य रेखा- हाथों में भाग्य रेखा होती है। राहु या केतु पर्वत से निकलकर शनि या गुरु पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को भाग्य रेखा कहते हैं। भाग्य रेखा यदि सरल और स्पष्ट है तो व्यक्ति का भाग्य साथ देगा लेकिन यह रेखा यदि टूटी-फूटी और अस्पष्ट है तो कर्म पर ही निर्भर रहना होगा। यह भी मान्यता है कि यदि यह रेखा कलाई से निकलकर गुरु पर्वत में मिल जाए तो व्यक्ति बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली होता है लेकिन शनि पर्वत में मिल जाए तो भाग्य की कोई ग्यारंटी नहीं। लेकिन यदि आपके हाथ में यह रेखा है ही नहीं तो फिर क्या करें?
उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय ! प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें ! धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी !
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इसलिए अगर आपको लग रहा है कि आपके जीवन में कुछ परेशानियां अपनी जगह बना रहीं हैं तो वास्तु एक्सपर्ट गीतांजलि बता रहीं हैं कि घर में कुछ बदलाव करके आने वाली परेशानी को खत्म किया जा सकता हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो बदलाव.
सातवें भाव में गुरु है तो घर में मंदिर रखना या बनाना मतलब परिवार की बर्बादी समझे। कपड़ों का दान करना वर्जित। पराई स्त्री से संबंध न रखें। साधु और फकीरों से दूर रहें, उन्हें किसी भी प्रकार का दान न दें। सोए हुए सातवें घर के लिए शुक्र को जगाना होता है। शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि सबसे आवश्यक है।
अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो ! और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये ! वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है more info !